Krishi Gyan - कृषि ज्ञान: सहजन (मोरिंगा) का महत्व

सहजन (मोरिंगा) का महत्व

सहजन बहुत ही उपयोगी पौधा है जिसे अंग्रेजी में "ड्रमस्टिक" एवं वैज्ञानि‍क नाम मोरिंगा ओलीफेरा से भी जाना जाता है। इस पौधे के लगभग सभी भाग खाने योग्य होते है। मोरिंगा की पत्तियों को सीधे ही सलाद के रूप मे खा सकते है या फिर इनको छायां मे सूखाकर पाउडर बना सकते है। मोरिंगा पौषण एवं औषधीय गुणों से सम्पन्न होता है। इसके बीजों से तेल भी नि‍काला जाता है। एक वर्ष में इसका पौधा दो बार और लगातार 10 वर्ष तक अच्छा उत्पादन देता है। मोरिंगा की उन्नत किस्में; कोयम्बटूर 2, रोहित 1, पी.के.एम. 1 और पी.के.एम. 2 प्रमुख है। ड्रमस्टिक के पौधे 12 महीने में उत्पादन देना शुरू कर देते है, किन्तु यदि पौधे की बढ़वार अच्छी तरह से हों तो यह 8 महीने में ही फलन के लिए तैयार हो जाता है।