Krishi Gyan - कृषि ज्ञान: टिड्डी

टिड्डी

पृथ्वी पर व्याप्त असंख्य प्रजाति के कीटों मे से पर्यावरण एवं मानव जाति के लिए कुछ उपयोगी है, तो कुछ हानिकारक है। टिड्डे बड़े आकार के शाकाहारी है लेकिन नुकसानदायक कीटों की श्रेणी मे आते है, और आदि काल से ही मानव सभ्यता के लिए संकट बने हुए है।

टिड्डे दो प्रकार के होते है;

(1). ग्रासहॉपर (Grasshopper):-

(2). टिड्डी (Locust):- 

दुनिया में टिड्डियों की कुल 10 महत्वपूर्ण प्रजातियाँ है। जिनमे से भारत में प्रमुख चार प्रजातियाँ पाई जाती है जो निम्नानुसार है;

  1. मरुभूमीय टिड्डी/Desert Locust (स्किस्टोसेर्का ग्रेगारिया/Schistocerca gregaria):

  2. प्रवासी टिड्डी/Migratory Locust (लोकस्टा माईग्रेटोरिया/Locusta migratoria):

  3. बॉम्बे टिड्डी/Bombay Locust (नोमाडाक्रिस सक्सिंक्टा/Nomadacris succincta):

  4. पेड़ का टिड्डी/Tree Locust (एनाक्रिडियम स्पीसीज/Anacridium Spp.):

इनमें से रेगिस्तानी टिड्डी भारत के साथ ही अंतरमहाद्वीपीय संदर्भ में सबसे महत्वपूर्ण कीट प्रजातियाँ है। रेगिस्तानी टिड्डी में अपने व्यवहार एवं आदतों में परिवर्तन करने की क्षमता बहुत अधिक होती है तथा समूह अवस्था में ये लम्बी दूरी तक देशांतर गमन कर सकती है।